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1 "हे यहोवा, मेरा न्याय कर, क्योंकि मैं खराई से चलता रहा हूं, और मेरा भरोसा यहोवा पर अटल बना है।"
2 "हे यहोवा, मुझ को जांच और परख; मेरे मन और हृदय को परख।"
3 "क्योंकि तेरी करूणा तो मेरी आंखों के साम्हने है, और मैं तेरे सत्य मार्ग पर चलता रहा हूं।।"
4 "मैं निकम्मी चाल चलनेवालों के संग नहीं बैठा, और न मैं कपटियों के साथ कहीं जाऊंगा;"
5 "मैं कुकर्मियों की संगति से घृणा रखता हूं, और दुष्टों के संग न बैठूंगा।।"
6 "मैं अपने हाथों को निर्दोषता के जल से धोऊंगा, तब हे यहोवा मैं तेरी वेदी की प्रदक्षिणा करूंगा,"
7 "ताकि मेरा धन्यवाद ऊंचे शब्द से करूं,"
8 "और तेरे सब आश्चर्यकर्मों का वर्णन करूं।। हे यहोवा, मैं तेरे धाम से तेरी महिमा के निवासस्थान से प्रीति रखता हूं।"
9 "मेरे प्राण को पापियों के साथ, और मेरे जीवन को हत्यारों के साथ न मिला।"
10 "वे तो ओछापन करने में लगे रहते हैं, और उनका दहिना हाथ घूस से भरा रहता है।।"
11 "परन्तु मैं तो खराई से चलता रहूंगा। तू मुझे छुड़ा ले, और मुझ पर अनुग्रह कर।"
12 मेरे पांव चौरस स्थान में स्थिर है; सभाओं में मैं यहोवा को धन्य कहा करूंगा।।