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1 "याह की स्तुति करो हे यहोवा के दासों स्तुति करो, यहोवा के नाम की स्तुति करो!"
2 यहोवा का नाम अब से लेकर सर्वदा तक धन्य कहा जाय!
3 "उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है।"
4 "यहोवा सारी जातियों के ऊपर महान है, और उसकी महिमा आकाश से भी ऊंची है।।"
5 "हमारे परमेश्वर यहोवा के तुल्य कौन है? वह तो ऊंचे पर विराजमान है,"
6 "और आकाश और पृथ्वी पर भी, दृष्टि करने के लिये झुकता है।"
7 "वह कंगाल को मिट्टी पर से, और दरिद्र को घूरे पर से उठाकर ऊंचा करता है,"
8 "कि उसको प्रधानों के संग, अर्थात् अपनी प्रजा के प्रधानों के संग बैठाए।"
9 वह बांझ को घर में लड़कों की आनन्द करनेवाली माता बनाता है। याह की स्तुति करो!